Korba Jail में POCSO केस के चार कैदी फरार — अंदरूनी मदद का शक!

 

छत्तीसगढ़ की कोरबा जेल से POCSO-अभियुक्त चार कैदी फरार

कैदी कैसे फरार हुए?

3 अगस्त की दोपहर, कोरबा जिला जेल के अंदर बने गौशाला की दीवार से चार कैदियों ने जाली रस्सी बना कर करीब 20 फीट ऊँची दीवार को पार किया। ये चारों व्यक्ति रेप और POCSO अधिनियम के अंतर्गत ट्रायल का सामना कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, उन्होंने दीवार को पार करके जेल से भाग निकले ।

फरार आरोपी कौन हैं?

  • दशरथ सिदार (19) – कोरबा निवासी
  • चंद्रशेखर राथिया (20) – रायगढ़ से
  • राजा कन्वर (22) – कोरबा निवासी
  • सर्ना सिंकू (26) – कोरबा निवासी

पुलिस ने इन सभी को POCSO और बलात्कार से जुड़े अभियोगों में ट्रायल पर होने की पुष्टि की है।

पुलिस की प्रतिक्रिया और खोज अभियान

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने राज्य भर में **बड़़ी खोज अभियान** शुरू कर दी है। साथ ही जेल प्रशासन में **रिकॉन्स्ट्रक्शन** और आंतरिक जांच भी शुरू की गई है। इस बीच पुलिस ने **CCTV फुटेज** कब्जा कर लिया है जिसमें कैदियों को दीवार चढ़ते हुए दिखाया गया है ।

सुरक्षा में चूक की आशंका

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फरारी के वक्त **जेल में बिजली बंद थी** — जिससे यह संदेह हुआ कि कोई अंदरूनी सहायता (inside man) शामिल हो सकता है। जेल की सुरक्षा समेत निगरानी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

कानूनी और सामाजिक गड़बड़ी का विश्लेषण

  • ये सभी आरोपी POCSO और rape के गंभीर मुकदमों में ट्रायल का सामना कर रहे थे — ऐसे मामलों में जेल सुरक्षा को खास सतर्कता से रखना चाहिए थी।
  • इन्हें जेल की नियमित प्रक्रिया और निगरानी (surveillance protocol) के अंतर्गत रखा गया था — लेकिन नियंत्रण में कमजोरी उजागर हुई।
  • आंतरिक गड़बड़ी की संभावना, बिजली बंद करना, और सीसीटीवी की विफलता — ये सभी संकेत सुरक्षा व्यवस्थाओं की खामी की ओर इशारा करते हैं।

पिछले पेरोल-फरार घटनाओं का संदर्भ

इससे पहले **मे में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट** ने रिपोर्ट की थी कि **24 पेरोल/बाहर आए कैदियों में से कई अभी भी फरार** हैं — लेकिन अब की घटना रिहाई के बाद नहीं, बल्कि ट्रायल के दौरान हुई। यह घटनाएँ राज्य की **प्रेज़न सिस्टम में संरचनात्मक लापरवाही** को उजागर करती हैं।

में सुधार की आवश्यकता

चूंकि आरोपी गंभीर अपराधों से संबंधित हैं, ऐसी स्थिति में जेल प्रशासन, सुरक्षा उपकरण, विडियो निगरानी, बिजली व्यवस्था, और कर्मचारी प्रशिक्षण में सुधार अत्यंत जरूरी है। यदि सुधार नहीं हुए तो राज्य का जनविश्वास टूटने की संभावना है, और फिर जाँच‑पड़ताल राजनीतिक मसला बन सकता है।

लेखक परिचय और Attribution

Shiva 

स्रोत: Hindustan Times, PTI / Deccan Herald

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