UPI ट्रांजैक्शन पर अब चार्ज लगेगा? ICICI समेत मर्चेंट्स पर लागू हुआ नया नियम
अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शनके लिए भी tax देना पड़ेगा?
नया UPI चार्ज नियम क्या है?
UPI सेवा भारत में अब तक फ्री मानी जाती थी, लेकिन 1 अगस्त 2025 से कुछ व्यापारियों या प्लेटफॉर्म के लिए UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज लागू हो गया है। ICICI बैंक, YES Bank और Axis Bank इस नए नियम को अपना चुके हैं।
कौन-कौन पर क्यों चार्ज लगेगा?
- पेमेंट एग्रीगेटर (Razorpay, PhonePe Business, etc.) जो ICICI बैंक में escrow अकाउंट रखते हैं — उन्हें **0.02% प्रति ट्रांजैक्शन** (मैक्स ₹6) देना होगा।
- अगर प्लेटफॉर्म का escrow अकाउंट ICICI में नहीं है, तो चार्ज **0.04% (मैक्स ₹10)** तक हो सकता है।
- ग्राहकों द्वारा मित्रों या स्टोर को सीधे भेजे जाने वाले **साधारण UPI पेमेंट्स पर कोई चार्ज नहीं लगेगा**।
यह भी पढ़े 👉 Korba Jail में POCSO केस के चार कैदी फरार — अंदरूनी मदद का शक!
छोटे व्यापारियों को राहत क्यों?
अगर कोई व्यापारी सीधे बैंक से जुड़ा हुआ है (एग्रीगेटर के बिना), तो उस पर ये चार्ज लागू नहीं होंगे। इसका मतलब: छोटे व्यापारियों को ग्राहकों से ज़्यादा फीस नहीं देना होगी।
प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ
बड़े ट्रांजैक्शन वाले प्लेटफॉर्म्स जैसे Razorpay, Paytm for Business आदि पर फैला ये नियम, system cost को divide करने का एक तरीका है। अभी ग्राहक पर असर सीधे नहीं दिखेगा, लेकिन ये charge आगे चलकर मर्चेंट की प्राइस में शामिल हो सकता है।
यह भी पढ़ें 👉 Samsung का अब तक का सबसे सस्ता 5G फोन | Galaxy F06 Full Review हिंदी में
ग्राहक और डेवलेपर्स के लिए टिप्स
- यदि आप ऐप डेवलपर या बिज़नेस operator हो — तो अपनी व्यवस्था को ICICI escrow मॉडल से बचाओ, ताकि चार्ज ना देना हो।
- ग्राहक बने रहो — सीधे ₹ दे, अगर आप consumer हो, और पैनिक मत करो; यह नियम आप पर लागू नहीं है।
- स्टोर या मर्चेंट हो — ग्राहकों को transparently बताओ कि ये नियम सरकर से नहीं है, बल्कि बैंक लॉक-इन के कारण आया है।
Leave a Reply Cancel reply